मुरलीगंज की घटना का सत्य

by - 10:58 AM


मुरलीगंज की घटना पे यह लेख एक बार जरुर पढ़े.....
एक सत्य लिखने जा रहा हूँ अगर किसी के भावना को ठेस पहुँचे तो माफ़ करेगें....मधेपुरा कहचहरी चौक किसी ने सब्जी लेकर अपने मोटरसाइकिल में लटका कर सब्जी वाले को पैसे देने लगा तभी एक गाय आती है और उस सब्जी के उस बैग को नीचे गिरा देती है और उस सब्जी को खाने लगती है जब वह आदमी देखा तो उस गाय को सुभाष चौक तक खदेड़ कर मारा.....यह दृश्य अक्सर आपको मधेपुरा कहचहरी चौक पर मिल जाएगी...कभी कभी तो उन गाय पे किसी होटल या चाय वाले के द्वारा गर्म पानी भी फेंकते देखा है मैंने...कहाँ गई उस वक़्त आपका हिंदुत्व......जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे 4000,5000, रूपये में किसी को बेच दिया जाता है उसके बाद उस गाय का क्या होता यह आप सब को पता है... कहाँ गई उस वक़्त आपका हिंदुत्व.....कुछ दिन पहले राजस्थान की सबसे बड़ी सरकारी गौशाला में पिछले 10 दिनों में 100 से ज्यादा गायों के मरने की खबर आई है....क्या हुआ उन लोगों का.....क्या जयपुर के हिंगोनिया को बंद किया गया...क्या वहा पत्थरवाजी हुई ......नहीं कुछ नहीं हुआ...
हां मैं मानता हूँ की मुरलीगंज की घटना बहुत बड़ी घटना है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम हैं इसका निष्पक्ष जाँच हो......लेकिन कुछ बात अगर हम इस मधेपुरा के कुछ एतिहासिक बदलाव की करें तो आप देखेंगे की किस तरह मधेपुरा में रेलवे फैक्ट्री खोलने के लिए बहुत से लोग ज़मीन देने को तैयार नहीं थे.....लेकिन जिलाधिकारी मो० सोहैल के सुझ-बुझ से इस समस्या को सुलझा लिया गया...और आज रेलवे फैक्ट्री का काम आरम्भ हो चुका है यह बहुत बड़ी बात है....मेडिकल कॉलेज खुलने में भी बहुत समस्या थी पर उसे भी सुलझा लिया गया....ऑफिस की वयवस्था,मधेपुरा को एक नई दिशा के तरफ ले कर चल दिए...अरे ये D.M तो आज है कल चले जाएगे....पर इनके कार्य काल में जो इन्होंने हमलोग को दिए उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता...
बेंगा-पुल के पास जो पत्थरबाजी हुआ और वहां जो भी गिरफ्तार हुआ मैं यह भी मानता हूँ की यह  गलत है पर क्या आप ये सोच सकते है की वहा मौजूद लोगों में किस समुदाय के लोग सबसे ज्यादा थे....एक IAS बनना बहुत बड़ी बात है...अरे हमलोग तो अपना घर भी कभी-कभी नहीं संभाल पाते....ये तो पुरे जिला को संभालते हैं...सोचेगे....?
चार दिन की जिंदगी है यार चलो हम अपने उस कल को सजाये और सवारे और आने वाले उस सुनहले मधेपुरा के इतिहास में अपना नाम दर्ज करे....2 अक्टूबर आने वाला है अपने अपने शहर को स्वच्छता अभियान चला कर सबसे आगे होने का दावा करे...

एक बार पुनः.... किसी के भावना को ठेस पहुँचे तो माफ़ करेगें....

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